कुछ देश ऐसे होते हैं जो कभी नहीं बदलते हैं। उनका तानाशाही रवैया विश्व के तमाम देशों के लिए घातक भी है। उनमें से ही एक देश है चीन। इसको ‘ड्रैगन’ के नाम से भी जाना जाता है। इसकी विस्तारवादी नीति और तानाशाही रवैया दुनिया के लिए सिरदर्द रही है। यही नहीं चीन भारत समेत कई देशों के आंतरिक मामले में भी ‘दखलअंदाजी’ करने के लिए जाना जाता है। अब एक बार फिर ड्रैगन जापान में हो रहे ‘क्वाड सम्मेलन’ को लेकर बुरी तरह चिड़ा हुआ है। जापान में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन, ऑस्ट्रेलिया के नवनियुक्त पीएम एंथोनी अल्बनीज और जापान के प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा कल, मंगलवार को एक मंच पर जापान के प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा क्वाड सम्मेलन में शामिल होने के लिए एक साथ मौजूद रहेंगे। चार दोस्तों के एक मंच पर शामिल होने को लेकर चीन भड़क गया है। बता दें कि चीन क्वाड का सदस्य देश नहीं है। इसीलिए जब-जब क्वाड सम्मेलन होता है, चीन भड़क जाता है। जापान में हो रहे इस सम्मेलन को लेकर चीन एक बार फिर से भड़ास निकालने में लगा हुआ है। दरअसल क्वाड में शामिल चारों देशों से चीन के रिश्ते ज्यादा अच्छे नहीं हैं। इस समूह में भारत इकलौता ऐसा देश है, जिसकी सीमाएं चीन से सटी हुई हैं। ऐसे में जब चारों देश एकजुट होते हैं, तो चीन खौफ खाने लगता है। चीन का विदेश मंत्रालय खुलकर क्वाड ग्रुप के खिलाफ बोल चुका है। चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी के साथ संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस में कड़ा ऐतराज जताया। चीनी विदेश मंत्री वांग ने कहा कि अमेरिका की इंडो-पैसिफिक रणनीति का ‘असफल’ होना तय है। क्वाड की मीटिंग की अगर किसी देश में सबसे ज्यादा चर्चा है तो वो है चीन क्योंकि चीन के लिए क्वाड गले में फांस की तरह है। चीन मानता है कि क्वाड चीन के हितों को कमजोर करने का एक प्लेटफॉर्म है लेकिन चीन की इस बात से क्वाड की 4 महाशक्तियों को कोई फर्क नहीं पड़ता है क्योंकि पूरी दुनिया जानती है कि ड्रैगन अपनी विस्तारवादी नीति के लिए किसी भी हद तक गिर सकता है। बता दें कि पिछले साल सितंबर में जो बाइडेन ने वॉशिंगटन में क्वाड नेताओं की मीटिंग बुलाई थी। उस समय भी चीन ने इस सम्मेलन के लिए नाराजगी जताई थी। वहीं भारत, अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और जापान ने चीन की इस बयानबाजी को दरकिनार कर दिया है। जापान रवाना होने से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर दौरे के बारे में बताया, जिसमें उम्मीद जताई है कि बाइडेन से मुलाकात में कई अहम मुद्दों पर बात होगी। वहीं आज पीएम मोदी जापान में कई बिजनेस समिट में भाग लेंगे। इसके साथ वहां रह रहे भारतीयों से भी मुलाकात करेंगे। अब आइए जानते हैं क्वाड क्या है।
साल 2004 में सुनामी चक्रवात के बाद क्वाड की शुरुआत हुई थी–
18 साल पहले भारत समेत कई देशों में चक्रवाती तूफान सुनामी के बाद क्वाड के गठन करने की शुरुआत की गई। बता दें कि 2004 में हिंद महासागर में सुनामी आई। इसके तटीय देश काफी प्रभावित हुए थे। तब भारत, अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और जापान ने मिलकर सुनामी प्रभावित देशों की मदद की। इसके बाद 2007 में जापान के तत्कालीन प्रधानमंत्री शिंजो आबे ने क्वाड यानी द क्वाड्रिलैटरल सिक्योरिटी डायलॉग का गठन किया। क्वाड में चार देश अमेरिका, जापान, ऑस्ट्रेलिया और भारत का एक समूह है। 2007 से 2010 के बीच हर साल क्वाड की बैठकें होती रहीं, लेकिन इसके बाद बंद हो गई। पिछले साल 2021 के वर्चुअल शिखर सम्मेलन में क्वाड नेताओं ने एक मुक्त, खुला और समावेशी हिंद-प्रशांत क्षेत्र की बात की थी। इसके साथ ही इन देशों ने दुनिया की चुनौतियों पर एक साथ काम करने का संकेत दिया था जिसमें जलवायु परिवर्तन, आतंकवाद, साइबर सुरक्षा, गुणवत्ता बुनियादी ढांचा निवेश आदि शामिल हैं। चीन इस सम्मेलन के लिए शुरू से ही विरोध करता रहा है। अब जापान में शुरू हुए क्वाड सम्मेलन को लेकर चीन फिर चिड़ा हुआ है।