गृहमंत्री अमित शाह ने रविवार, 4 अगस्त को बहुत बड़ा बयान देते हुए कहा कि साल 2019 में एनडीए की सरकार आएगी और नरेंद्र मोदी फिर प्रधानमंत्री बनेंगे। गृहमंत्री अमित शाह का बयान ऐसे समय आया है जब केंद्र में भाजपा में अगली बार प्रधानमंत्री पद को लेकर कयासों का दौर जारी था। अमित शाह पार्टी के बड़े नेता हैं और यह बयान उन्होंने बहुत ही सोच समझ कर दिया है। 1 दिन के दौरे पर चंडीगढ़ पहुंचे गृहमंत्री शाह ने कहा कि I.N.D.I.A ब्लॉक चाहे कुछ भी कर ले, 2029 लोकसभा चुनाव में NDA की ही चौथी बार सरकार बनेगी। नरेंद्र मोदी चौथी बार प्रधानमंत्री बनेंगे। I.N.D.I.A ब्लॉक एक बार फिर से खुद को विपक्ष में बैठने के लिए तैयार रखे। शाह ने कहा कि विपक्ष अस्थिरता पैदा करना चाहता है। उन्हें विपक्ष में रहकर काम करने का तरीका सीखना चाहिए।
विपक्ष के लोग बार-बार कहते हैं कि हमारी सरकार चलने वाली नहीं है। मैं उन्हें आश्वस्त करना चाहता हूं कि NDA सरकार कार्यकाल पूरा करेगी और 2029 में फिर आएगी। शाह का यह बयान ऐसे वक्त पर आया है जब विपक्ष की तरफ लगातार यह दावा किया जा रहा है कि मोदी 3.0 का कार्यकाल पूरा नहीं होगा। इसके अलावा विपक्ष और दूसरे राजनीतिक हलकों में लगातार यह सवाल उठा रहा है कि पीएम मोदी की जगह कौन लेगा? शाह ने अपने बयान में 2029 में पीएम मोदी के आने की बात कही है।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने चंडीगढ़ के मनीमाजरा में चौबीस घंटे जलापूर्ति सुनिश्चित करने वाली परियोजना का रविवार को उद्धाटन किया। कुल 75 करोड़ रुपये की लागत से स्थापित इस परियोजना से मनीमाजरा के एक लाख से अधिक निवासियों को लाभ मिलेगा, जिनमें मॉडर्न हाउसिंग कॉम्प्लेक्स, शिवालिक एन्क्लेव, इंदिरा कॉलोनी और शास्त्री नगर में रहने वाले लोग भी शामिल हैं। इस दौरान उन्होंने विपक्षी दलों पर हमला बोला और कांग्रेस को आईना दिखाते हुए यह दावा किया कि 2029 में भी एनडीए की सरकार बनेगी और नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री बनेंगे। पंजाब के राज्यपाल एवं केंद्र शासित प्रदेश चंडीगढ़ के प्रशासक गुलाब चंद कटारिया भी इस अवसर पर उपस्थित थे।
‘स्मार्ट सिटी मिशन’ के तहत शुरू की गई इस परियोजना का उद्देश्य निरंतर उच्च दबाव आपूर्ति के माध्यम से इसके भंडारण को कम करके पानी की बर्बादी को रोकना है। परियोजना के अन्य उद्देश्यों में रिसाव में कमी, ‘स्मार्ट मीटरिंग’, भूजल पर सीमित निर्भरता और ऊर्जा खपत की निगरानी के माध्यम से जल संवर्धन शामिल हैं। इस परियोजना के लिए कुल 22 किलोमीटर लंबी जलापूर्ति पाइपलाइन बिछाई गई है और दो भूमिगत जलाशय बनाए गए हैं।