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December 13, 2025
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Goverdhan festival 2022 : गोवर्धन पूजन आज : गोबर से गोवर्धन पर्वत की आकृति बनाकर की जाती है परिक्रमा, अन्नकूट से लगाया जाता है भोग

प्रकाश पर्व दीपावली के अगले दिन गोवर्धन पूजा की जाती है। लेकिन इस बार सूर्य ग्रहण करन की वजह से गोवर्धन पूजा 1 दिन आगे हो गई है। ‌ आज बुधवार को गोवर्धन पूजा की जाएगी। यह एक ऐसा पर्व है जो सीधे ही भगवान श्रीकृष्ण से जुड़ा हुआ है। लोग अपने घरों पर या बाहर गोबर से गोवर्धन पर्वत की आकृति बनाते हैं और शाम को परिक्रमा लगा कर पूजा करते हैं। पूजा में अन्नकूट से भोग लगाया जाता है। ‌वैसे तो गोवर्धन पूजन देश के कई राज्यों में किया जाता है लेकिन उत्तर प्रदेश के ब्रज क्षेत्र में गोवर्धन पूजा का बहुत ही महत्व है। मथुरा और राजस्थान की सीमा पर गोवर्धन एक बड़ा धार्मिक स्थल है। यहीं पर श्रद्धालु गोवर्धन पर्वत की परिक्रमा करने आते हैं। ‌ यहां हर साल मेले का भी आयोजन होता है। ‌कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि के दिन दिवाली मनाई जाती है और इसके अगले ही दिन गोवर्धन पूजा होती है। 27 साल बाद ऐसा हो रहा है कि दिवाली के अगले दिन गोवर्धन पूजा नहीं की गई। ग्रहण होने के कारण गोवर्धन पूजा 26 अक्टूबर को हो रही है। हर साल कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि को गोवर्धन पूजा करते हैं। गोवर्धन पूजा में अन्नकूट बनाना शामिल है और गोवर्धन की आकृति बनाने के लिए गाय के गोबर का उपयोग किया जाता है।

Goverdhan Puja 2022

गोवर्धन पूजा का मुहूर्त, जिसे अन्नकूट पूजा के रूप में भी जाना जाता है, 26 अक्टूबर को 06:29 से 08:43 तक है। इस दिन भगवान इंद्र को भगवान कृष्ण ने पराजित किया था। बता दें कि भगवान इंद्र जब क्रोधित हो गए थे जब श्री कृष्ण ने ब्रजवासियों से गोवर्धन पर्वत और गायों की पूजा करने को कहा। इसके बाद अपने क्रोध में इंद्र ने ऐसी मूसलाधार वर्षा की कि ब्रजवासियों का जीवन संकटमय हो गया। तब श्रीकृष्ण ने ब्रजवासियों और पशुओं की रक्षा के लिए अपनी छोटी उंगली से गोवर्धन पर्वत को उठा लिया। उन्होंने इस पर्वत के नीचे सात दिनों तक शरण ली। यही कारण है कि गोवर्धन पूजा के दौरान लोग इस पर्वत को गाय के गोबर से तराश कर उसकी सात बार परिक्रमा करते हैं ।देवता को अर्पित की जाने वाली मिठाई, अगरबत्ती, फूल, ताजे फूलों से बनी माला, रोली, गोवर्धन पूजा सामग्री की सूची में चावल और गाय का गोबर सभी शामिल हैं। छप्पन भोग, जिसमें 56 विभिन्न खाद्य पदार्थ होते हैं, तैयार किया जाता है, और पंचामृत शहद, दही और चीनी का उपयोग करके बनाया जाता है। गोवर्धन पूजा के अगले दिन भाई-बहन का पवित्र पर्व भैया दूज मनाया जाता है। गुरुवार को भैया दूज मनाया जाएगा। ‌

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