उत्तराखंड यानी देवभूमि के लोग जब अन्य राज्यों में देश की सबसे हाईटेक ट्रेन “वंदे भारत एक्सप्रेस” को दौड़ते हुए देखते थे तब यही सोचते थे कि यह अपने प्रदेश में कब शुरू होगी। आखिरकार गुरुवार 25 मई को वह सुनहरा दिन आ गया जब वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन में अपनी पहली जर्नी (यात्रा) शुरू की। वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन को लेकर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी काफी समय से तैयारियों में जुटे हुए थे। गुरुवार सुबह से ही देहरादून रेलवे स्टेशन को दुल्हन की तरह सजाया गया। ऐसा लग रहा था जैसे कि रेलवे स्टेशन पर कोई बारात आने वाली है। पूरा रेलवे स्टाफ सजधज के तैयार था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राजधानी दिल्ली से वर्चुअल के माध्यम से देवभूमि यानी उत्तराखंड को पहली वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन की सौगात दी। पीएम मोदी ने गुरुवार 11 बजे उत्तराखंड की पहली और देश की 18वीं वंदे भारत एक्सप्रेस को हरी झंडी दिखाई। उत्तराखंड के रेल इतिहास में गुरुवार को नया अध्याय जुड़ गया।
इसी के साथ देहरादून में रेल मत्री अश्विनी वैष्णव और सीएम धामी वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन के उद्घाटन के गवाह बने। इस ट्रेन से बहुत कम समय में दिल्ली से देहरादून और देहरादून से दिल्ली पहुंचा जा सकेगा। इन 5 स्टेशनों पर होगा वंदे भारत का स्टॉपेज देहरादून-आनंद विहार वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन 5 स्टेशनों पर हॉल्ट लेगी। इसमें हरिद्वार, रुड़की, सहारनपुर, मुजफ्फरनगर और मेरठ सिटी स्टेशन शामिल हैं। इससे लोगों के दिल्ली से हरिद्वार, मसूरी और ऋषिकेश जाने-आने में परेशानी नहीं होगी। वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन की स्पीड 110 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार चलेगी।
8 कोच वाली ये ट्रेन बुधवार छोड़कर बाकी 6 दिन चलेगी। दिल्ली से देहरादून की दूरी करीब 292 किलोमीटर है, जिसे ये साढ़े चार घंटे में तय करेगी। वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन सुबह 7 बजे देहरादून से रवाना होगी। ये करीब साढ़े चार घंटे का सफर तय करके 11 बजकर 19 मिनट पर दिल्ली के आनंद विहार स्टेशन पर पहुंचेगी। वापस में यही गाड़ी शाम 5.20 बजे आनंद विहार स्टेशन से चलेगी और रात 10.20 बजे देहरादून पहुंचेगी। किराया कितना होगा, रेलवे ने इसका अभी एलान नहीं किया है। वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन को हरी झंडी दिखाने के बाद प्रधानमंत्री ने वर्चुअल माध्यम से उत्तराखंड की जनता को संबोधित भी किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि उत्तराखंड का विकास भारत के विकास में भी मदद करेगा। देश अब रुकने वाला नहीं है, वह वंदे भारत की रफ्तार से आगे बढ़ रहा है और बढ़ता जाएगा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेसिंग के जरिए संबोधित करते हुए कहा अभी मैं कुछ देर पहले ही तीन देशों की यात्रा करके लौटा हूं। आज पूरा विश्व भारत को बहुत उम्मीदों से देख रहा है। हम भारत के लोगों ने जिस तरह अपनी अर्थव्यवस्था को मजबूती दी है, उसने पूरी दुनिया का विश्वास जगा दिया है। पीएम मोदी ने कहा कि उत्तराखंड देवभूमि है, मुझे याद है। जब मैं बाबा केदारनाथ का दर्शन करने गया था तो दर्शन के बाद अनायास ही मेरे मुख से कुछ पंक्तियां निकली थीं। ये पंक्तियां थीं- ये दशक उत्तराखंड का दशक होगा। उत्तराखंड आज जिस तरह से कानून व्यवस्था को सर्वोपरि रखते हुए, विकास को आगे बढ़ा रहा है. वो बहुत सराहनीय है। अपने संबोधन में पीएम मोदी ने कहा कि पर्वतमाला योजना उत्तराखंड का भविष्य बदलने जा रही है।
ट्रेन शुरू होने से राज्य में आने वाले यात्रियों के लिए फायदेमंद होगा। वंदे भारत भारत के सामान्य परिवारों की पहली पसंद बनती जा रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि अभी कुछ घंटे पहले ही मैं तीन देशों की यात्रा करके आया हूं आज पूरा विश्व भारत को उम्मीदों से देख रहा है। हमने जिस तरह अपनी अर्थव्यवस्था को मजबूती दी है, जिस तरह हम गरीबी से लड़ रहे हैं उसने पूरी दुनिया का विश्वास जगा दिया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि उत्तराखंड आज जिस तरह से कानून-व्यवस्था को सर्वोपरि रखते हुए विकास के अभियान को आगे बढ़ा रहा है वो बहुत सराहनीय है। मेरा विश्वास है कि ये देवभूमि आने वाले समय में पूरे विश्व की आध्यात्मिक चेतना के आकर्षण का केंद्र बनेगी। हमें इस सामर्थ्य के अनुरूप भी उत्तराखंड का विकास करना होगा। उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी ने संबोधित करते हुए वंदे भारत एक्स्प्रेस ट्रेन सौंपने के लिए पीएम मोदी को धन्यवाद दिया। पुष्कर धामी ने कहा कि “आज का दिन देवभूमि उत्तराखण्ड के लिए ऐतिहासिक दिन है, यह हम सब का सौभाग्य है कि हम इस दिन के साक्षी बन रहे हैं।
पीएम मोदी ने कहा कि मुझे विश्वास है कि ये देवभूमि आने वाले समय में पूरे विश्व की आध्यात्मिक चेतना के आकर्षण का केंद्र बनेगी। हमें इस सामर्थ्य के अनुरूप ही उत्तराखंड का विकास करना होगा। इससे पहले, इस दौरान मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि यह रेलवे का स्वर्णिम युग है। स्वदेश में निर्मित सेमी हाईस्पीड ट्रेन यहां से चलने जा रही है। जल्द ही दुर्गम इलाकों में भी ऐसी ट्रेनें चलाई जाएंगी। पहाड़ के लिए यह सब सपना था। जल्द ऋषिकेश से कर्णप्रयाग तक ट्रेन चलेगी। केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि आज बहुत सौभाग्य का दिन है। पीएम आज देवभूमि को वंदे भारत की बहुत बड़ी सौगात दे रहे हैं। वहीं, उद्घाटन समारोह से पहले केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन में सवार छात्रों से बातचीत की। उधर, ट्रेन को देखने और सेल्फी लेने के लिए भी बड़ी संख्या में लोग रेलवे स्टेशन पहुंचे।
वंदे भारत ट्रेन में 8 कोच लगाए गए हैं, 570 यात्री कर सकते हैं सफर–
बता दें कि वंदे भारत एक्सप्रेस 28 मई से विधिवत रूप से देहरादून से दिल्ली और दिल्ली से देहरादून के बीच चलेगी। फिलहाल, इस ट्रेन में 8 कोच लगाए गए हैं। जिसमें 570 यात्री सफर कर सकते हैं। अगर बुकिंग बढ़ेगी तो ट्रेन के डिब्बे भी बढ़ाए जाएंगे। दिल्ली से जब यह ट्रेन देहरादून के लिए रवाना होगी तो करीब 110 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ेगी। जबकि, इसकी औसतन रफ्तार 63.41 किमी प्रति घंटा तय की गई है। अभी यह साफ नहीं हो पाया है कि ट्रेन का किराया कितना होगा। बताया जा रहा है कि शताब्दी एक्सप्रेस से इसका किराया करीब 200 से 250 ज्यादा हो सकता है। मौजूदा समय में दिल्ली से देहरादून और देहरादून से दिल्ली शताब्दी एक्सप्रेस करीब 5 घंटे 40 मिनट में पहुंचाती है। जबकि, यह ट्रेन 4 घंटे 40 मिनट में दिल्ली पहुंचेगी। ट्रेन सुबह 7 बजे देहरादून से दिल्ली के लिए रवाना होगी। यह ट्रेन देहरादून-हरिद्वार-रुड़की-सहारनपुर-मुजफ्फरनगर-मेरठ फिर दिल्ली के आनंद विहार स्टेशन पहुंचेगी। दिल्ली पहुंचने का समय 11:45 निर्धारित किया गया है। ट्रेन के हर कोच में 8 सीसीटीवी लगाए गए हैं, जो यात्रियों को चारों तरफ से कवर करेंगे। हर सीट के नीचे मोबाइल और लैपटॉप चार्जिंग की सुविधा दी गई है। इतना ही नहीं जिस तरह से प्लेन में 2 क्रू मेंबर आगे और 2 क्रू मेंबर पीछे रहते हैं, उसी तरह से 22 कर्मचारी डिब्बे के दोनों हिस्सों में आपको बैठे नजर आएंगे। जिनका बकायदा एक ड्रेस कोड होगा।
बटन दबाने पर आपके पास खाने पीने के सामान और जरूरी जानकारी सीट पर बैठे ही मिल जाएगी। ट्रेनों में इमरजेंसी के दौरान चेन खींचकर ट्रेन को रोका जाता था, लेकिन इस ट्रेन में चेन नहीं, बल्कि एक बटन की सुविधा दी गई है। ये बटन आपातकालीन परिस्थितियों में काम करेगा। हालांकि, कोई भी यात्री इस बटन का इस्तेमाल नहीं कर सकता। बटन दबाने के बाद उसका सिग्नल लोको पायलट के पास जाएगा और लोको पायलट ही उस यात्री के कहने पर ट्रेन रोक सकता है।