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सरकारें बदल जाती हैं तब सिस्टम भी बदलता है । इसके साथ पूर्व सरकारों के कई फैसलों को भी पलटा जाता है। ऐसे ही पहाड़ी राज्य हिमाचल प्रदेश में पिछले एक सप्ताह से देखने को मिल रहा है। राज्य में कांग्रेस की सरकार आने के बाद मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने जयराम ठाकुर सरकार के कई फैसलों को पलट दिया है। मुख्यमंत्री सुखविंदर की यह आक्रामक नीति भाजपा नेताओं को रास नहीं आ रही है। ऐसे ही जयराम ठाकुर सरकार में कृषि ग्रामीण विकास मंत्री और भाजपा के वरिष्ठ नेता वीरेंद्र कंवर ने सुखविंदर सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। पूर्व मंत्री वीरेंद्र कंवर ने थानाकलां में खुले सॉइल कंजरवेशन के डिविजन ऑफिस को कांग्रेस सरकार द्वारा डि-नोटिफाई करने पर कड़ा ऐतराज जताया है।
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उन्होंने कहा कि सरकार अपने फैसले को रोल बैक करे। इसके लिए उन्होंने सरकार को एक माह का अल्टीमेटम दिया है। अगर जरूरत पड़ी तो बड़ा आंदोलन किया जाएगा। ऊना में शनिवार को पत्रकारों से बातचीत में वीरेंद्र कंवर ने कहा कि सरकार इस ऑफिस को बंद न करें, बल्कि रिव्यू करे, लेकिन सरकार ने इसे डि-नोटिफाई क्यों किया। वीरेंद्र कंवर ने कहा कि हम अभी 6 महीने तक सुक्खू सरकार और कांग्रेस के विधायकों को छेड़ना नहीं चाहते थे। पूर्व मंत्री ने कहा कि पहले इन विधायकों और कांग्रेस सरकार को चुनाव में जनता से किए गए वायदों को पूरा करने दीजिए। लेकिन जिस प्रकार से सुखविंदर सरकार ने रवैया अपनाया है उससे हम भी अब चुप नहीं बैठेंगे। राज्य में आंदोलन भी करेंगे।