(Uttarakhand, Himachal Pradesh and Jammu Kashmir cloud burst) : हिमाचल प्रदेश से लेकर उत्तराखंड तक बारिश ने कहर बरपा दिया है। यही हाल जम्मू-कश्मीर में भी है शुक्रवार सुबह से लगातार हो रही बारिश के बाद इन तीनों राज्यों के मैदान से लेकर पहाड़ तक कहर मचा हुआ है। हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में कई जगहों पर बादल हटने से बड़ी तबाही हुई है। वहीं नाले कई नदियां उफान पर है। पहाड़ों पर तो और भी बुरी स्थित है। बारिश में जम्मू कश्मीर मां वैष्णो देवी मंदिर जाने वाले रास्ते में पानी भरा हुआ है। ऐसे ही राजधानी देहरादून में स्थित प्रसिद्ध टपकेश्वर मंदिर भी बाढ़ की चपेट में है। अभी तक जानकारी के अनुसार जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में 10 लोगों की मौत हो चुकी है। कई लापता हैं। हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर और उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राहत बचाव के लिए एनडीआरएफ, एसडीआरएफ समेत प्रशासनिक अधिकारियों को निर्देश जारी किए हैं। वहीं सीएम धामी ने राजधानी देहरादून के समीप रायपुर में राहत बचाव कार्यों का जायजा लेने पहुंचे। बात पहले शुरू करते हैं हिमाचल प्रदेश से। हिमाचल में भी भारी बारिश और भूस्खलन से कई जगह भारी नुकसान हुआ है। हिमाचल में येलो अलर्ट के चलते भारी बारिश से मंडी में भूस्खलन हो गया। उपमंडल गोहर की ग्राम पंचायत काशन के गांव जड़ोन में मकान पर लैंडस्लाइड एक परिवार के 7 लोग मलबे में दब गए। राहत बचाव कार्य जारी है लेकिन रेस्क्यू टीम को पहुंचने में यहां बड़ी दिक्कत आ रही है। मंडी और चंबा समेत कई जिलों में हाहाकार मचा है। चंबा जिले में दंपति और उनके बेटे की मौत हो गई है, जबकि मंडी के सराज, गोहर और द्रंग में बादल फटने की घटनाओं में एक की मौत हो गई है। कई लोग लापता बताए जा रहे हैं। तीनों एनएच मंडी पठानकोट, मंडी कुल्लू और मंडी जालंधर वाया धर्मपुर बंद हो गए हैं। उधर, कांगड़ा जिले में भारी बरसात होने के कारण रेलवे चक्की पुल रात को बह गया। दरारें आने के कारण डेढ़ हफ्ता पहले रेल सेवा बंद कर दी थी। भारी बारिश को देखते हुए कांगड़ा और कुल्लू में स्कूल बंद कर दिए गए हैं। हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले में पंजाब और हिमाचल की सीमा पर चक्की नदी पर बना 800 मीटर लंबा रेलवे पुल शनिवार सुबह ढह गया। अचानक आई बाढ़ ने पुल के कमजोर खंभों को बहा दिया। इसका वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। गनीमत ये रही कि पुल उस समय टूटा जिस समय इसमें किसी तरह की आवाजाही नहीं थी वरना बड़ा नुकसान हो सकता था। इसके साथ ही पुल का नया पिलर बनने तक पठानकोट और जोगिंद्रनगर के बीच नैरो गेज ट्रेन सेवा बंद रहेगी। 1928 में अंग्रेजों द्वारा निर्मित और चालू की गई नैरो गेज रेल लाइन पर पठानकोट और जोगिन्द्रनगर के बीच प्रतिदिन सात ट्रेनें चलती थीं। पोंग बांध वन्यजीव अभयारण्य में स्थित सैकड़ों गांवों के लिए यह रेल लाइव एक लाइफलाइन की तरह है जहां कोई सड़क या बस सेवा नहीं है। इन गांवों के लोग कांगड़ा के जिला मुख्यालय तक पहुंचने के लिए ट्रेन सेवा का उपयोग करते थे। हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा, कुल्लू, मनाली, मंडी, सोलन हमीरपुर, ऊना, बिलासपुर और सिरमौर मौसम विभाग में बारिश का अलर्ट जारी किया है। वहीं उत्तराखंड में लगातार हो रही मूसलाधार बारिश के बाद मैदान से लेकर बाहर तक हाहाकार मचा रखा है। देर रात बादलों ने राजधानी देहरादून में जमकर कहर बरपाया। देर रात से देहरादून और आसपास के इलाकों में भारी बारिश का दौर जारी है जो कहर बनकर टूट रहा है। शनिवार तड़के उत्तराखंड में पौड़ी जिले के यमकेश्वर और देहरादून के रायपुर क्षेत्र में बादल फटने से बड़ी तबाही हुई है। हरिद्वार और ऋषिकेश में गंगा रौद्र रूप में आ चुकी है। वहीं मैदान से लेकर पहाड़ तक भारी बारिश के बीच जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। मौसम विभाग ने अगले 24 घंटे के दौरान तीन जिलों में भारी बारिश की चेतावनी जारी की है। देहरादून जिले के रायपुर ब्लाक में शनिवार तड़के बादल फट गया। यह घटना देर रात करीब 3 बजे हुई है। मालदेवता में बादल फटने से सात घर बह गए। वहीं सरखेत से 40 लोगों का रेस्क्यू किया गया। रायपुर और थानों को जोड़ने वाला पुल भी सौंग नदी के ऊफान पर आने से टूट गया है। सूचना के बाद एसडीआरएफ की टीम मौके पर पहुंची। देहरादून के टपकेश्वर महादेव मंदिर के पास भारी बारिश से बाढ़ जैसे हालात हो गए। भारी बारिश की वजह से मालदेवता पर बना पुल भी बह गया है। बादल फटने की सूचना मिलते ही सुबह सुबह कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी गांव में पहुंच कर हालातों का जायजा लिया। वहीं एसडीआरएफ की टीम ने गांव सरखेत में फंसे सभी लोगों को रेस्क्यू कर सुरक्षित कर लिया है।
जबकि कुछ लोगों ने एक रिसॉर्ट में शरण ली है। वहीं पौड़ी जिले के यमकेश्वर में बादल फटा है। बादल फटने से महिला की मौत हो गई है। यमकेश्वर में कई जानवर बह गए हैं। उधर ऋषिकेश श्रीनगर के बीच नेशनल हाईवे 9 जगह बंद है। टिहरी में भी बारिश के बाद बाढ़ ने तबाही मचाई है। चमोली ओर रुद्रप्रयाग जनपदों में हो रही बारिश के कारण अलकनंदा नदी के जलस्तर पर भी असर पड़ा है। नदी के आसपास और किनारे रहने वालों लोगों को खतरा पैदा हो गया है । नेशनल हाईवे 58 ऋषिकेश और देवप्रयाग के बीच पांच जगहों पर बंद है। मार्ग तीनधारा, रोलीधार, तोताघाटी, सोड पानी, और बछेलिखाल के समीप बंद हो गया है। इन सभी जगहों पर पहाड़ी से भारी बोल्डर आकर नेशनल हाईवे पर गिर गए हैं। इस कारण गढ़वाल की ये सड़क बंद हो गयी है। ये हाईवे टिहरी, पौड़ी, रुद्रप्रयाग और चमोली जिलों को जोड़ता है। कर्णप्रयाग से यही हाईवे कुमाऊं के अल्मोड़ा और बागेश्वर जिलों को जोड़ता है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भारी बारिश को देखते हुए राज्य आपदा और पुलिस प्रशासन को अलर्ट रहने के निर्देश दिए हैं। सीएम पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि हमारी आपदा प्रबंधन टीम, एसडीआरएफ की टीमें और प्रशासन के अन्य अधिकारी उन इलाकों में पहुंच गए हैं जहां रात भर भारी बारिश ने कहर बरपाया है। सीएम धामी भी बाढ़ प्रभावित इलाकों में जायजा लेने पहुंच सकते हैं। वहीं मौसम विज्ञान केंद्र देहरादून के निदेशक बिक्रम सिंह के अनुसार शनिवार को देहरादून, चमोली व बागेश्वर जनपदों में कहीं-कहीं भारी वर्षा होने की संभावना है। मौसम विभाग की ओर से यलो अलर्ट जारी किया गया है।
उत्तराखंड में कई संपर्क मार्ग और नेशनल हाईवे बंद नदियों का जलस्तर भी रौद्र रूप में–
मूसलाधार बारिश के चलते नदियां ओर बरसाती नाले उफान पर हैं। सौंग, सुसुआ और जाखन नदियों का जल स्तर बढ़ गया है। जिससे नदी के किनारे रहने वाले लोगों को खतरा पैदा हो गया है। डोईवाला में सौंग नदी के किनारे रहने वाले लोगों को सुरक्षित स्थानों पर भेज दिया गया है। वहीं सुसुआ नदी के किनारे रहने वाले लोग भी दहशत में हैं। जाखन नदी में तेज बहाव का पानी आने से रानीपोखरी का वैकल्पिक मार्ग बह गया है। जिससे बड़े वाहनों को लंबी दूरी तय करनी पड़ रही है। छोटे वाहनों को नव निर्मित पुल से निकाला जा रहा है। हरिद्वार में गंगा चेतावनी स्तर 293 मीटर से 70 सेंटीमीटर ऊपर पहुंच गई थी। इसके घंटे बाद ही गंगा खतरे के निशान से 294 मीटर से 5 सेंटीमीटर नीचे बहने लगी। एक घंटे में जलस्तर में 10 सेंटीमीटर की गिरावट दर्ज की गई। गंगा के बढ़ते जलस्तर को देखते हुए प्रशासन की ओर से तटवर्ती इलाकों में अलर्ट जारी किया गया। बाढ़ राहत चौकियों को मुस्तैद रहने को कहा गया। मसूरी देहरादून हाईवे गलोगीधार में पहाड़ी से मलबा और बोल्डर आने से कई घंटे से बंद है। सड़क के दोनों ओर सैकड़ों वाहनों की कतार लगी है और लोग मार्ग खुलने का इंतजार कर रहे हैं। यहां लगातार बारिश जारी है। यहां मार्ग खोलने के लिए दो जेसीबी लगी हैं। ऋषिकेश नगर तथा आसपास क्षेत्र सहित पर्वतीय इलाकों में शुक्रवार की रात से ही मूसलधार बारिश हो रही है। जिससे गंगा और उसकी सहायक नदियों का जलस्तर बढ़ गया है। ऋषिकेश के त्रिवेणी घाट में आरती स्थल तक गंगा नदी का पानी पहुंच गया है। यहां आपदा प्रबंधन दल अलर्ट मोड पर है। ऋषिकेश में चंद्रभागा नदी भी उफान पर है। ऋषिकेश में गंगा चेतावनी रेखा से करीब 25 सेंटीमीटर नीचे बह रही है। गंगा के जलस्तर में वृद्धि जारी है। केंद्रीय जल आयोग की ओर से प्रशासन को अलर्ट कर दिया गया है। उत्तरकाशी में गंगोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग चार स्थानों पर, जबकि यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पांच स्थानों पर बाधित है। धरासू बैंड के पास यमुनोत्री और गंगोत्री हाईवे शुक्रवार की शाम से बंद है। वर्षा के कारण लगातार भूस्खलन हो रहा है। जिससे राजमार्ग को सुचारू करने बीआरओ व एनएच की टीम को खासी मशक्कत करनी पड़ रही है। रुद्रप्रयाग जनपद में केदारनाथ समेत पूरे जिले में रात्रि से बारिश हो रही है। गौरीकुंड हाइवे कई स्थानों पर अवरुद्ध चल रहा है। बदरीनाथ हाइवे भी सिरोबगड़ में अवरुद्ध है।