भारत में काफी समय से कोरोना केस कम आ रहे थे। लेकिन एक बार फिर से नए वेरिएंट ने हलचल मचा दी है। शनिवार को केंद्र से लेकर राज्य सरकारों तक बैठकों का दौर चला। जहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाई लेवल की बैठक की वहीं दूसरी ओर राज्य सरकारों ने भी अपने उच्च स्तरीय अधिकारियों के साथ बैठक कर इस नए वेरिएंट को लेकर समीक्षा की। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार सुबह वैज्ञानिकों और एक्सपर्ट्स के साथ आपातकालीन बैठक की ।पीएम मोदी की ओर से कोरोना को लेकर बुलाई गई इस उच्च स्तरीय बैठक में कैबिनेट सेक्रेटरी राजीव गौबा के साथ ही कई अन्य वरिष्ठ अधिकारी शामिल रहे। प्रधानमंत्री के प्रिंसिपल सेक्रेटरी पीके मिश्रा, स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण और नीति आयोग के सदस्य डॉक्टर वीके पॉल भी इस बैठक में थे। बैठक में केंद्र सरकार ने दक्षिण अफ्रीका, हॉन्गकॉन्ग, बोत्सवाना और इजराइल से आने वाले यात्रियों की जांच के लिए सभी एयरपोर्ट्स को निर्देश दिए गए हैं। वहीं केंद्र सरकार ने राज्यों को विशेष सतर्कता बरतने के निर्देश दिए हैं। देश में कोरोना के नए वेरिएंट की खबरें आने के बाद लोगों की परेशानी बढ़ा दी है। मन में कई सवाल उठ रहे हैं। डॉक्टरों और विशेषज्ञों की टीम ये मान रही है कि नया वेरियंट ज्यादा ट्रांसमिसबल है और ये इम्यूनिटी को तेजी से मात देने में कुशल है। ये अब तक के किसी भी वेरिएंट से ज्यादा खतरनाक है। वायरस इंसान की कोशिकाओं में प्रवेश करने के लिए स्पाइक प्रोटीन का इस्तेमाल करते हैं। वैक्सीन शरीर को इन स्पाइक को पहचानने और उन्हें बेअसर करने के लिए तैयार करती है। इससे वैज्ञानिक चिंतित हैं, क्योंकि म्यूटेशन शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली से बचकर अगली लहर का कारण बनता है। कहा जा रहा है कि जिन लोगों ने वैक्सीन की खुराक के अलावा बूस्टर डोज भी ली थी उनमें भी ये संक्रमण पाया गया। हालांकि भारत में अभी इसके नए वेरिएंट का एक भी केस नहीं मिला है लेकिन फिर भी केंद्र सरकार इसे लेकर अलर्ट हो गई है। बता दें कि सबसे अधिक दक्षिण अफ्रीकी देशों में इस नए ओमिक्रॉन के मरीज सामने आ रहे हैं। अब ओमिक्रॉन से नई लहर का खतरा है, क्योंकि यह डेल्टा से 7 गुना तेजी से फैल रहा है। यही नहीं, यह तेजी से म्यूटेट भी हो रहा है। पकड़ में आने से पहले ही इसमें 32 म्यूटेशन हो चुके हैं। इसे देखते हुए यूरोपीय यूनियन के सभी 27 देशों ने 7 अफ्रीकी देशों से उड़ानों पर रोक लगा दी है। इधर, भारत में नए वेरिएंट का कोई केस नहीं मिला है। फिर भी सिंगापुर, मॉरीशस समेत 12 देशों से आने वाले यात्रियों की गहन जांच होगी। कोरोना के नए वेरिएंट ओमिक्रॉन (B.1.1.529) की शुरुआती रिपोर्ट्स बेहद चौंकाने वाली हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने इसे वेरिएंट ऑफ कन्सर्न बताया है। दक्षिण अफ्रीका के 3 प्रांतों में रोज मिलने वाले 90% केस इसी वेरिएंट के हैं, जो 15 दिन पहले सिर्फ 1% थे। वैज्ञानिकों को यही बात सबसे ज्यादा डरा रही है। क्योंकि, अभी तक सबसे तेजी से फैलने वाला वेरिएंट डेल्टा था, जिससे दुनिया में तीसरी लहर आई थी। फिलहाल भारत में अभी इस नए वेरिएंट का कोई केस सामने नहीं आया है।
नए वेरिएंट को लेकर केंद्र के साथ राज्य सरकारों ने फिर शुरू की तैयारियां–
कोरोना के नए वेरिएंट को लेकर राज्यों में भी चिंता बढ़ने लगी है। गुजरात सरकार ने अपने एयरपोर्ट पर विदेश से आने वाले लोगों के लिए आरटीपीसी आर टेस्ट अनिवार्य कर दिया है। मुंबई में भी बीएमसी ने बैठक बुलाई । दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने अपील की है कि कोरोना के नए वेरिएंट से प्रभावित देशों की फ्लाइट्स पर रोक लगाई जाए। केजरीवाल ने ट्वीट कर कहा है कि बड़ी समस्याओं से जूझते हुए हमारे देश ने कोरोना से पार पाया है। हमें नए वेरिएंट को भारत में प्रवेश करने से रोकने के लिए हर जरूरी कदम उठाने चाहिए। इस वेरिएंट को लेकर कांग्रेस के सांसद राहुल गांधी ने भी चिंता जताई है। दूसरी ओर उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कोरोना के नए ‘ओमिक्रॉन’ को लेकर शनिवार को प्रदेश वासियों से अपील करते हुए कहा कि कोविड गाइडलाइन का पूरी तरह से पालन करें। मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा कोविड पर प्रभावी नियंत्रण के लिए सभी तैयारियां की गई है। उन्होंने लोगों से अपील की है कि जिन लोगों का अभी दूसरा टीका नहीं लगा है, समय होते ही टीकाकरण करा लें। मास्क का उपयोग जरूर करें एवं एक दूसरे से उचित दूरी बनाए रखें। मुख्यमंत्री ने मुख्य सचिव, डीजीपी एवं सचिव स्वास्थ्य को कोरोना के नए वेरिएंट की दृष्टिगत कोविड एप्रोप्रियेट बिहेवियर का पालन सुनिश्चित कराने एवं सभी आवश्यक व्यवस्थाएं कराने के निर्देश दिए। वहीं दूसरी ओर जिलाधिकारी डॉ. आर राजेश कुमार ने पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों को हिदायत दी है कि बिना मास्क के घर से बाहर निकलने वाले लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जाए।